उपभोक्ता वस्तुएं (उपभोग की वस्तुएं) – उपभोक्ता
वस्तुएं वे वस्तुएं जिनमें उपभोक्ता द्वारा अंतिम उपभोक्ता के लिए खरीदारी की जाती
है।
अंतिम
वस्तुएँ (अंतिम वस्तुएँ) – अंतिम वस्तुएँ वे वस्तुएँ हैं जिनका उपयोग किसी
अन्य प्रक्रिया में नहीं किया जाता है।
मध्यवर्ती
वस्तुएं (इंटरमीडिएट गुड्स) – अर्धनिर्मित वस्तुएँ उत्पादकों द्वारा कच्चे
माल के रूप में बनाई जाती हैं। मध्यवर्ती वस्तुएँ कहलाती हैं। स्टॉक का संबंध समय
बिंदु (समय बिंदु) से है जबकि प्रवाह का संबंध समय बिंदु (समय की अवधि) से है।
विनियोग (निवेश)-पूंजी निर्माण की प्रक्रिया विनियोग कहलाती है।
शुद्ध विनियोग-सकल विनियोग-मूल्य ह्रास।
घिसावट या मूल्य ह्रास (मूल्यह्रास)-उत्पादन
प्रक्रिया के दौरान स्थिर परिसम्पत्तियों में होने वाली टूट फूट आदि मूल्य ह्रास
कहलाती है।
समष्टि अर्थशास्त्र (मैक्रो इकोनॉमिक्स) – समष्टि
अर्थशास्त्र में सामूहिक स्तर पर आर्थिक समस्याएं, जैसे-सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के
कुल
उपभोक्ता, सामान्य मूल्य स्तर, कुल रोजगार, राष्ट्रीय आय
आदि का अध्ययन किया जाता है।
समष्टि अर्थशास्त्र का क्षेत्र (मैक्रो इकोनॉमिक्स
का दायरा) –
(i) आय एवं रोजगार का
सिद्धांत,
(ii) सामान्य मूल्य-स्तर एवं
मुद्रा समष्टि का सिद्धांत,
(iii) व्यापार सिद्धांत,
(iv) आर्थिक विकास का
सिद्धांत,
(v) वितरण का समष्टि
सिद्धांत।
समष्टि
अर्थशास्त्र
के अध्ययन का महत्व (मैक्रो इकोनॉमिक्स का महत्व) –
(i) जटिल अर्थव्यवस्था के
अध्ययन के लिए आवश्यक,
(ii) आर्थिक नीति के
मार्गदर्शन में सहायक,
(iii) आर्थिक विकास का अध्ययन,
(iv) व्यष्टि अर्थशास्त्र के
अध्ययन के लिए उपयोगी,
(v) आर्थिक प्रोत्साहन –
आंकड़ों के अध्ययन में सहायक,
(vi) अंतर्राष्ट्रीय तुलनाओं
में सहायक।